रोम रोम में राम है ,राम नाम आधार,
राम रटन जब मे लगा ओर रटन बेकार,
तेरे चरणों मे आ के गुरुवर,
जिंदगी किया से किया हो गयी है,
जब से थामा है दामन तुम्हारा,
सारी मुश्किल आसा हो गई है,
तेरी भगति का दीपक जलाया,
मैन मंदिर में तुमको बसाया,
बन रहे है सभी काम मेरे ,
जब से तेरी कृपा हो चली है,
जब से थामा ,,,,
कोई चिंता नही जिंदिगी में,
जब से तरी शरण मे गये है।
होते होते रहे तेरे दर्शन ,
बस यही कामना हो चली है,
जब से थामा,,,,,,
अशोक जांगिड़
सवाई माधोपुर राजस्थान
मोबाइल,9828123517