( ब्रज मंडल की रास स्वामिनी,
राधा रानी सरकार,
राधा राधा कण कण बोले,
हो रही जय जयकार,
बरसाने की शोभा कहु क्या,
कहे कहीं ना जाये,
मधुप हरि बरसाने बरसत,
राधा रस रास। )
रटते रटते राधा नाम,
रे मन चल बरसाने धाम,
राधा राधा राधा राधा...,,
रे मन चल बरसाने धाम,
रे मन चल बरसाने धाम,
रटते रटते राधा नाम,
रे मन चल बरसाने धाम.....
ऊँचे टहल अटारी वाली,
श्री राधे बृषभानु दुलारी,
बरसानो है ब्रज सुखधाम,
रे मन चल बरसाने धाम,
राधा राधा राधा राधा,
रटते रटते राधा नाम,
रे मन चल बरसाने धाम.....
श्री जी कृपा से हो यहाँ आना,
रीचे स्वामिनी मिले ठिकाना,
ऐसो धाम सा ना कोई धाम,
रे मन चल बरसाने धाम,
राधा राधा राधा राधा,
रटते रटते राधा नाम,
रे मन चल बरसाने धाम.....
राधा रानी के बरसाने,
चहु और है दर्श सुहाने,
श्यामा श्याम के लीला धाम,
रे मन चल बरसाने धाम,
राधा राधा राधा राधा,
रटते रटते राधा नाम,
रे मन चल बरसाने धाम.....
मधुप हरि नन्द लाल कन्हैया,
नित् आवे यहाँ बंसी बजईया,
रस जहां बरसे आठों याम,
रे मन चल बरसाने धाम,
राधा राधा राधा राधा,
रटते रटते राधा नाम,
रे मन चल बरसाने धाम.....
(सर्वाधिकार लेखक आधीन सुरक्षित। भजन में अदला बदली या शब्दों से छेड़-छाड़ करना सख्त वर्जित है)