अंगना बुहारो, माँ का भवन संवारो,
झोंके पुरविया के बतला गए, नवरात्रे आ गए।
शेरा वाली माई सदा भक्तो की सहाई,
गाये महिमा जो दर्शन पा गए, नवरात्रे आ गए॥
भाये भक्तो के मन को अश्विन महीने के यह नौ दिन,
माता दुर्गा भवानी की घर घर में हो पूजा अर्चन।
भर दे झोली सब की मैया मेरी सोये नसीब जगा गए, नवरात्रे आ गए॥
बाजे ढोल मजीरे, इस गली डांडिया है, उस गली गरबा,
लगी भक्तो को लगन हो के भक्ति में मगन रहे माँ को मना।
चुनरी ओडाए, हलवा भोग लगाए, जो वो जन्मो के दुखड़े मिटा गए, नवरात्रे आ गए॥
माँ का जप ले तू नाम, पल्ला माँ का ले थाम, कोई कमी ना रहे,
मैया वर देने वाली, खाली जाए ना सवाली, सारी दुनिया कहे।
विपदा भगाए, बेडा पार लगाए, सच सारे सपने बना गए, नवरात्रे आ गए॥