श्यामा जन्म जन्म दा मै कैदी,
तु आजा वकील बनके....
तेरे लई श्यामा मै ता मुकुट बनाया,
मुकुट बनाया तेरे मथे ते सजाया,
तु सजाले वकील बनके,
तु आजा वकील बनके....
तेरे लई मै मुरली मंगावा,
मुरली मंगावा तेरे होंठा ते सजावा,
तु बजाले वकील बनके,
तु आजा वकील बनके....
तेरे लई श्यामा मै ता कँगना मंगवानी आ,
कँगना मंगवानी आ बाहां ते पवानी आ,
तु पाले वकील बनके,
तु आजा वकील बनके....
तेरे लई मै पीताम्बर मंगवानी आ,
पीताम्बर मंगवानी आ अंग ते सजानी आ,
तु पाले वकील बनके,
तु आजा वकील बनके....