रु..... रु... रु....
आजा री प्यारी निंदिया आजा तू,
नयनो में आके समा जा तू,
श्री बाबोसा का सपना मैं देखु,
रु..... रु... रु....
जल्दी आजा, निंदिया रानी, सपना मेरा साकार हो,
छगनी के नंदन, श्री बाबोसा भगवन,
मुझको तेरा दीदार हो,
नयनो में आके समाजा तू,
रु..... रु... रु....
रात ढली अब, आजा री निंदिया, तुझको बुलाये अखियाँ,
क्यो तड़फाये, मोहे समझ न आये, बीत न जाये रतियाँ,
हो न जाये प्रभात रे,
रु..... रु... रु....
अँखियों पर हो, पहरा तेरा, हो जीवन मे सवेरा,
सपना संजोता," दिलबर " जो तेरा, ख्वाब रहे न अधूरा,
रु..... रु... रु....