बेटी के होने से ही परिवार चलता है,
बेटी से ही तो सारा संसार चलता है,
सुनी धरती बेटी बिन सुना है जहा सारा,
बेटी के बिना कहा किसका घरबार चलता है,
बेटी जैसा और नहीं है गहना कोई दूजा,
करती है जीवन भर बेटी माँ बाप की पूजा ,
बेटी के आंचल में ख़ुशी और प्यार पलता है,
बेटी के बिना कहा किसका परिवार चलता है,
करलो ख्याल इनका आंगन सो बार सवारेगी,
होगी गर मझधार में नैया उसको पार उतरेगी,
बेटी से इस दुनिया का सार चलता है,
बेटी के बिना कहा किसका घरबार चलता है,
प्रेम करो हर बेटी से मत बेटी को दुकारो,
माँ की कोख में बेटी को बेहरहमी से मत मारो,
बेटी से रिश्तो का कारोबार चलता है,
बेटी के बिना कहा किसका घरबार चलता है,