छोटा सा घर हो, घर मे हो मन्दिर, मन्दिर में तेरा वास रहे,
बैठा निहारूँ श्याम तुम्हे मैं, रिश्ता हमारा खास रहे.....
भोर की मीठी मीठी किरणों में तुमको जगाऊँ,
नहलाऊं गंगाजल से अत्तर फुलेल लगाऊ,
भक्ति में कोई, कमी रहे ना, सेवा की तेरी प्यास रहे,
बैठा निहारूँ श्याम तुम्हे मैं, रिश्ता हमारा खास रहे.....
प्यार भरे भजनो से तुमको रिझाऊँगा मैं,
हाथो से भोग बनाकर, तुमको खिलाऊँगा मैं,
अंत समय तेरी गोदी में झूलूँ, इतनी सी मेरी आस रहे,
बैठा निहारूँ श्याम तुम्हे मैं, रिश्ता हमारा खास रहे.....
इक दूजे से दिल की करते रहे हम बाते,
तेरी कृपा की मुझ पर होती रहे बरसाते,
देदो ‘तरुण’ को चरणों की सेवा, सेवा की तेरी आस रहे,
बैठा निहारूँ श्याम तुम्हे मैं, रिश्ता हमारा खास रहे.....