जीवन भर गुणगान दीवाने गाऐंगे,
हम हर ग्यारस को श्याम की ज्योत जगाऐंगे॥
ज्योत जगाते ये आ जाते ऐसा देव कहा देखा,
मस्ती मे झुमे है सारे लगे अखाड़ा भक्तो का,
भजनो की मस्ती में हम खो जायंगे,
हम हर ग्यारस को श्याम की ज्योत जगाऐंगे,
ग्यारस की इस ज्योत मे भक्तो श्याम का नूर टपकता है,
भस्मी लगते ही किस्मत का बिगड़ा लेख सँवरता है,
माथे पर बाबा धूलि चरण लगाऐंगे,
हम हर ग्यारस को श्याम की ज्योत जगाऐंगे,
कोई गाये कोई भ्जाये कोई धूमके लगाता है,
अपने अपने ढंग से सेवक श्याम धनि को रिजाता है,
श्रदा के फूलो की भेट चदाये गे,
हम हर ग्यारस को श्याम की ज्योत जगाऐंगे,
हर्ष कहे ये लीला धारी हर कीर्तन में आते है,
भक्तो का ये भाव देखके मंद मंद मुसकाते है,
भावो की गंगा में धुबकी लगाये गे,
हम हर ग्यारस को श्याम की ज्योत जगाऐंगे,