कोई जाए काशी कोई जाए मथुरा,
कोई जाए हरिद्वार मेरे लिए तो सबसे बड़ा है श्यामधनी का द्वार.....
स्वर्ग से सुंदर सबसे प्यारा श्याम धनी का द्वार,
जहां बरसती श्याम की कृपा खूब है मिलता प्यार,
हमारा श्याम ना रूठे कभी भी साथ ना छूटे.....
मात पिता तुम मेरे, तुम हारे के हो सहारे,
तुमसे मिला ये जीवन, तुम ही आधार हमारे,
जन्म मिले ये जब भी हमको मिले तुम्हारा द्वार,
तुम्हारा साथ ना छूटे कभी मेरा श्याम ना रूठे....
श्याम धनी पर वारू मैं जीवन के सुख सारे,
यह उनके साथ है चलता जो इस दुनिया में हारे,
कहां मिलेगा ऐसा साथी जो करता भव से पार,
हमारा श्याम ना रूठे.....
तेरी मोरछड़ी के आगे जीवन के टले दुख सारे,
हम करते इनकी पूजा यह हैं सौभाग्य हमारे,
रेखा पुलकित सेवा करें हो जीवन का उद्धार,
हमारा श्याम ना रूठे कभी भी साथ ना छूटे.....