शेषनाग के फन पर मेरो खेले रे कन्हैया,
छम छम नाचे रे कन्हैया....
जमुना जी को जल है गहरा,
श्याम सुंदर मेरो बड़ो रे हटीलो,
ग्वाल वाल के संग में ऐसो खेले रे कन्हैया,
छम छम नाचे रे कन्हैया.....
काली देह पे खेल रचायो,
कान्हा नहीं मन में सकुचायो,
ओढ़ कमरिया तन पर ऐसो खेले रे कन्हैया,
छम छम नाचे रे कन्हैया.....
मारो टोल गेंद गई देह में,
तब श्रीदामा लगे हैं कहने,
देर करो ना पल की, दे दो गेंद रे कन्हैया,
छम छम नाचे रे कन्हैया....
काले नाग से भई लड़ाई,
नागिन ने तब अरज लगाई,
दया करो मेरे पति पर इनको छोड़ो रे कन्हैया,
छम छम नाचे रे कन्हैया.....
देख श्याम की लीला ब्रज में,
नाचत देव सभी अंबर में,
बरसत फुल ब्रज में ऐसो नाचे रे कन्हैया,
छम छम नाचे रे कन्हैया.....