जब श्याम का सचा द्वारा है,
फिर भटक न ऐह नादान
कलयुग में एक सहारा है मेरा खाटू वाला श्याम
झोली को फैला के देख तेरा भर देगा भंडार
मांग ले दिल में जो भी है श्याम बहुत बड़ा दातार,
सब कुछ दे देता ये दाता इक बार आ जाना
कलयुग में एक सहारा है मेरा खाटू वाला श्याम
श्याम दरबार से हो कर जब कोई दास गुजरता है
चाहे जैसी भी हो किसमत तेरी किरपा से चमकता है,
दता जब से आया शरण हुआ जीवन में आराम
कलयुग में एक सहारा है मेरा खाटू वाला श्याम