तेरे खेल है जग से निराले मोहन मुरली वाले....
पहले खेल रचे मोहन ने,
खुल गए जेल के ताले मोहन मुरली वाले,
तेरे खेल है जग से निराले मोहन मुरली वाले....
दूजे खेल रचे मोहन ने,
जमुना ने चरण पखारे मोहन मुरली वाले,
तेरे खेल है जग से निराले मोहन मुरली वाले....
तीजे खेल रचे मोहन ने,
आय पूतना मारे मोहन मुरली वाले,
तेरे खेल है जग से निराले मोहन मुरली वाले....
चौथी खेल रचे मोहन ने,
काले नाग नाथ मार डारे मोहन मुरली वाले,
तेरे खेल है जग से निराले मोहन मुरली वाले....
पांचवे खेल रचे मोहन ने,
नख पर गिरिवर धारे मोहन मुरली वाले,
तेरे खेल है जग से निराले मोहन मुरली वाले....
छठवीं खेल रचे मोहन ने,
जाए कंस को मारे मोहन मुरली वाले,
तेरे खेल है जग से निराले मोहन मुरली वाले....
सब तो कहते कारे कारे,
हमको प्राणों से प्यारे मोहन मुरली वाले,
तेरे खेल है जग से निराले मोहन मुरली वाले....