वो है दया के सागर ओ बाई,
बाबा शिर्डी के साईं,
आये जो बनके दर पे सवाली जाए ना कभी खाली,
सुनते है साईं सबकी दुआए दूर करदे सब वो बलाये,
खुद को कभी वो न रोक पाए बाबा को जो मन से भुलाये,
साईं तो देते है सबको सहारा करते है वो रख वाले,
आये जो बनके दर पे सवाली .....
बिछड़े हुए को साईं मिलाये ध्यान भगती में जो लगाये,
रोज सवेरे शारदा सुमन जो साईं के चरणों में चदाये,
साईं बन दे शक्ति से अपनी सुखी हुई हर डाली,
आये जो बनके दर पे सवाली....
साईं के जैसा कोई नही है महिमा बाबा की सबसे निराली,
निर्धन को माया कोडी को काया बांज की बरदे झोली खाली,
ये सारी दुनिया है एक गुलशन साईं तो इसके मालिक,
आये जो बनके दर पे सवाली....