मेरे सर पे भी माँ अपने हाथ रोल दे,
नसीबों वाले बंद मेरे दरवाजे खोल दे,
दो बोल मीठे प्यार के माँ तू भी बोल दे,
नसीबों वाले बंद मेरे दरवाजे खोल दे,
मेरे सर पे भी माँ.....
दरबार सजा हो तेरा माँ जगराता मैं गाऊँ,
बैठी हो भक्तों की पंगत और मैं भजन सुनाऊँ,
ऐसे मेरी जिव्हा को वाणी माँ लबों को बोल दे,
नसीबों वाले बंद मेरे दरवाजे खोल दे,
मेरे सर पे भी माँ.....
माँ महिमा का तेरी मैं अमृत सा पिए जाऊँ,
सदा सुनूं भजन तेरे और मैं यूं ही जिए जाऊँ,
भक्ति का रस माँ मेरे कानों में घोल दे,
भक्ति का रस माँ राजीव के कानों में घोल दे,
नसीबों वाले बंद मेरे दरवाजे खोल दे,
मेरे सर पे भी माँ.....