साँवरे…
जमुना किनारे मेरो गाँव,
यमुना किनारे मेरो गाँव,
साँवरे आ जइयो…….
यमुना किनारें मेरी ऊँची हवेली,
मैं बृज की गोपी नवेली,
राधा रंगीली मेरो नाम,
ओ साँवरे आ जइयो……
मल मल के मैं स्नान कराऊँ,
घिस घिस चंदन का तोहे लगाऊँ,
धीरे धीरे दाबू तेरे पाँव,
ओ साँवरे आ जइयो……
खस खस को बँगला बनवाऊं,
चुन चुन कलियाँ सेज सजाऊं,
पूजा करूँगी मैं सुबह शाम,
ओ साँवरे आ जइयो……