कान्हा ले गई जिया तेरी बांकी नजर,
ऐसे वार चले रे दिल पे नहीं अपनी खबर,
कान्हा ले गई जिया तेरी बांकी नजर,
जग तो दीवाना तेरा है लेकिन श्याम तू मेरा है,
तरसे दर्श को नैन मेरे दिल में बसेरा तेरा है,
तेरे बिन ओ मुरली वाले बीते ना उम्र,
कान्हा ले गई जिया तेरी बांकी नजर,
नैना श्याम तेरे मत वाले काले केश घुंगराले है,
चंदा सजम के तू मोहन लगे भरे रस प्याले है,
तू ही जान हमारी है तू ही जिगर,
कान्हा ले गई जिया तेरी बांकी नजर,
तू ही तो मन को भया है हम पर तेरा ही साया है,
कोई क्या जाने श्याम धनि मैंने यहाँ क्या पाया है,
तेरे बिन ओ खाटू वाले मेरी ना कदर,
कान्हा ले गई जिया तेरी बांकी नजर,