तूने दिया जो प्यार कही और ना मिला,
चलता रहे बस संवारे जूही सिलसिला,
हमको मिले हो संवारे तुमतो नसीब से,
मेरे दुखो को देखा है तुमने करीब से,
छाई गताये पर मेरा सूरज नही डला,
चलता रहे बस संवारे........
अपनों में दुंडा था तुझसे गेरो में तुम मिले,
आई बहारे पल मुझे पतझड में मुझे तुम मिले,
हारे को क्यों थाम ते अब ये पता चला,
चलता रहे बस संवारे........
डूबी कश्तियाँ कई जो थी किनारों पे,
मझधार से निकला है मुझको इशारो से,
इस श्याम का किया प्रभु बीएस तूने ही भला,
चलता रहे बस संवारे