शीश का दानी बैठ गया है आज खज़ाना खोल के,
लेने वाले लेते जाओ जय बाबा की बोल के....
ये दानी दातार है लीले का असवार है,
गूँज रही सारे जग में इनकी जय जयकार है,
देख भावना भक्तों की ये देता तोल तोल के,
लेने वाले लेते जाओ जय बाबा की बोल के.....
जैकारे की महिमा को किसी किसी ने जाना है,
नरसी मीरा कर्मा ने और रसखान ने माना है,
जो जयकारे लगाए दिल से ये देता दिल खोल के,
लेने वाले लेते जाओ जय बाबा की बोल के.....
रोडपति पति को करोड़पति झट से श्याम बनाता है,
इनको धोखा देने वाला खुद ही धोखा खाता है,
नाम खज़ाना मन्नू बाँट रहा है बिना मोल के,
लेने वाले लेते जाओ जय बाबा की बोल के.....