फागण मेला आया नशा अलबेला छाया है,
खाटू के खाटूश्याम ने खाटू में बुलवाया है.....
रींगस से खाटू का प्यारे गज़ब नज़ारा होगा,
एमपी यूपी हरयाणा पंजाब भी आया होगा,
हर प्रेमी को श्याम ने जलवा खुद दिखलाया है,
खाटू के खाटूश्याम ने खाटू में बुलवाया है......
उड़े हवा में रंग अबीरा श्याम ध्वजा लहराए,
जगह जगह पर लगे अखाड़े प्रेमी धूम मचाये,
देख रुप मेरे श्याम का चंदा भी शरमाया है,
खाटू के खाटूश्याम ने खाटू में बुलवाया है......
है शौक़ीन मिजाज़ सांवरा बागा है सतरंगी,
एक और है गोपीनाथ जी जोड़ी पर बजरंगी,
तेरह सीढ़ियों पे इसने दरबार सजाया है,
खाटू के खाटूश्याम ने खाटू में बुलवाया है......
फागुन शुक्ला द्वादशी की जग में महिमा न्यारी,
तीन बाण का धारी बना है खाटू लखदातारी,
गौरव ने गौरव श्याम धणी सब तुमसे पाया है,
प्रिया ने भी तो श्याम धणी सब तुमसे पाया है,
खाटू के खाटूश्याम ने खाटू में बुलवाया है.......