पवन सुत हरे हरे

सीता मैया ने करी है ज्योनार पवन सुत हरे हरे,
पवनसुत न्योत दिए.....

ब्रह्मा न्योते विष्णु न्योते न्योते सब परिवार,
वानर सेना साबरी न्योती न्योते हैं पवन कुमार,
पवनसुत न्योत दिए....

ब्रह्मा आए विस्नु आए आए सब परीवार,
वानर सेना साबरी आयि आए हैं पवन कुमार,
पवनसुत न्योत दिए....

आतर डारी पतर डारी डारे दौना चार,
वानर सेना साबरी बैठी बैठ गए पवन कुमार,
पवनसुत न्योत दिए....

पूरी परसी कचौड़ी पर्सी पर्सी लडडू चार,
सब्जी रायतौ सब ही परसो रबड़ी लच्छे दार,
पवनसुत न्योत दिए....

पूरी खाईं कचौड़ी खाई खाई रबड़ी लच्छे दार,
सब्जी रायतो सब्रो खायो खाली करे हैं भंडार,
पवनसुत न्योत दिए....

हाथ जोड़ के सीता मैया गईं राम के पास ,
समझाए लो अपने लाला ए खाली कर दिए भंडार,
पवनसुत न्योत दिए....

हंस मुस्काए राम जी बोले सुनो सिया मेरी बात,
तुलसी दल को भोग लगाओ फिर से भरेंगे भंडार,
पवनसुत न्योत दिए....

हाथ जोड़ के सीता मैया गईं तुलसी के पास,
तुलसी दल को भोग लगाओ हनुमत ने लई है डकार,
पवनसुत न्योत दिए.....

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