सो गये पहरादार जब आधी रात हो गयी,
जेल में जन्मे कन्हिया करा मात हो गई,
भाग की रात अँधेरी बरसात हो गई,
जेल में जन्मे कन्हिया करा मात हो गई,
घोर अंधारी है रात मतवाली गूंजी किलकारी निराली,
भैया कंस से कान्हा को बचाना है,
बेहना यशोदा के घर पे पोहचना है,
सोच में देवकी बेठी यर क्या बात हो गई,
जेल में जन्मे कन्हिया करा मात हो गई,
सुक उठाया लालन को बिठाया,
चल पड़े गोकुल नगरियाँ,
जल यमुना का घीरे घीरे बड़ने लगा,
पाओ छु के पानी घटने लगा,
चरण छुए जब यमुना जी शांत हो गई,
जेल में जन्मे कन्हिया करा मात हो गई,
गोकुल आये लालन को सुलाए,
धीरे से कनिया उठाई,
पौंचे कारकार में तो सब सोये मिले देवकी वासुदेव दोनों के मन खिल उठे,
देवकी ने जो सोची वो पूरी आस हो गई,
जेल में जन्मे कन्हिया करा मात हो गई,