मेरा कोई न सहारा हारे के ओ सहारे,
मैंने तुझको ही पुकारा आजा ओ श्याम प्यारे मैंने जखम है इतने खाये,
तुझे क्या क्या हम दिखलाये मेरे अपनों ने मुझको ठुकराया,
तेरी शरण मैं आया.....
चरणों में अपने मुझको देदो ठिकाना भटकु मैं कब तक बनके बेगाना,
मेरी आस तुम्ही से बाबा विश्वाश तुम्ही से बाबा,
बांध गठरी उमीदो की मैं लाया,
तेरी शरण मैं आया.....
साथी गरीब के हो तुम खाटू वाले दिखलाते खेल रोज तुम निराले,
तेरी बहुत सुनी सिखलाई मेरे श्याम है तुमसे दुहाई,
बेसहारो को तुमने अपनाया,
तेरी शरण मैं आया.....
हाथ दया का रखदो मुझपे सांवरियां इस से न ज्यादा मांगे कुछ भी टाबरियां,
कही न टूटे ऐसा बंधन तू बांध के कहता हमदम,
छोड़ कर मैंने टग दी मोह माया,
तेरी शरण मैं आया.....