हर सपने को सजाया आ कर तेरे खाटू में,
जब से ये सिर झुकाया आकार तेरे खाटू में,
गोकुल का है तू ग्वाला तू ही श्याम खाटू वाला
देखि है तेरी माया आकर तेरे खाटू में
हर सपने को सजाया आ कर तेरे खाटू में,
रेहमत का है समंदर तेरे खाटू का ये मंदिर,
बदली है सब की काया आकर तेरे खाटू में
हर सपने को सजाया आ कर तेरे खाटू में,
खाटू नगर तुम्हारा हारो का है सहारा
ये नसीब जग मगाया आकर तेरे खाटू में
हर सपने को सजाया आ कर तेरे खाटू में,
शर्मा तुम्हरे ही तो टुकडो पे पल रहा है
सब कुछ ही मैंने पाया आकर तेरे खाटू में
हर सपने को सजाया आ कर तेरे खाटू में,