हे दीनन के पृथपाल साईं जी मेरी लाज रखो,
कहा छुपे हो हम भक्तो पे जरा सा ध्यान धरो,
साईं जी मेरी लाज रखो साईं जी मेरी लाज रखो,
हमने मांगी है तुमसे इस जग की मोह माया,
और क्या मांगू तुमसे देदो श्री चरणों का साया,
पाप की गठरी बहुत है बाहरी,
साईं जी मेरी लाज रखो,
सुना है दीं दुखी पे तुम तो रहम नजर करते हो,
जिसका जग में कोई नही तुम उसका दम भरते हो,
तेरी एक नजर चाहू साईं सर पे हाथ धरो,
साईं जी मेरी लाज रखो,
जग के पीछे भाग भाग के वयरथ में जनम गवाया,
बची हुई सांसो की पूंजी अर्पण करने आया,
तोफा कर सवीकार प्रभु मुझे भव से पार करो,
साईं जी मेरी लाज रखो,