ईश्वर एक ही है पूजा अलग-अलग होती है......
ब्रह्मा को मना लो चाहे विष्णु को मना लो,
चाहे भोले पर दूध चढ़ा लो,
क्रिया एक ही है पूजा अलग-अलग होती है.......
काली को मना लो चाहे चंडी को मना लो,
चाहे दुर्गे पर चुनर उड़ा लो,
मैया एक ही है मूरत अलग-अलग होती है......
गंगा में नहा लो चाहे जमुना में नहा लो,
चाहे सरयू में गोता लगा लो,
जल तो एक ही है धारा अलग-अलग होती है......
गीता पढ़ लो चाय रामायण पढ़ लो,
पढ़-पढ़ के तुम अर्थ लगा लो,
भाषण एक ही है या अलग अलग होती है........