नेकी के कर्म किए जा रे दुनिया से जाने वाले,
दुनिया से जाने वाले दुनिया से जाने वाले,
नेकी के कर्म किए जा रे दुनिया से जाने वाले.....
यह तन तेरा है बगिया नेकी एक छीर समुंदर,
इस बगिया के फल खा जा रे दुनिया से जाने वाले,
नेकी के कर्म....
यह कंचन काया तेरी हो अंत राख की ढेरी,
हो सके तो पुण्य कमा जा रे दुनिया से जाने वाले,
नेकी के कर्म.....
यह धन योवन संसारी है दो दिन की फुलवारी,
कोई खुद रंग फूल खिला जा रे दुनिया से जाने वाले,
नेकी के कर्म.....
है जग सेवा फल मेवा कर दीन दुखी की सेवा,
यस पाना है तो पा जा रे दुनिया से जाने वाले,
नेकी के कर्म.....