हे दुःख भंजन गौरी नंदन,
सुन लो मेरी पुकार,
शिव सुत विनती बारम्बार,
हे दुःख भंजन गौरी नंदन.......
रिद्धि सिद्धि के स्वामी अष्ट निधि के दाता,
दुखियों के तुम भाग्य विधाता,
सकल जगत के काज संवारे,
करो मेरा भी उद्धार,
शिव सुत विनती बारम्बार,
हे दुःख भंजन गौरी नंदन......
अपरम्पार है महिमा तुम्हारी,
प्रथम गाए दुनिया सारी,
भक्ति भाव से मैं भी ध्याऊं,
करो दुखों से पार,
शिव सुत विनती बारम्बार,
हे दुःख भंजन गौरी नंदन.......
जपे निरंतर राजीव नाम तुम्हारा,
अब ना छोडूं तुम्हारा द्वारा,
प्रथम देव मुझे शरण में लीजो,
दीजो भव सागर से तार,
शिव सुत विनती बारम्बार,
हे दुःख भंजन गौरी नंदन.......
(तर्ज साभार :श्रद्धेय श्री हरि ॐ शरण जी)