रस भरे रसिया के बड़े रसीले नैना,
बड़े रसीले नैना सखियों बड़े रसीले नैना,
रस भरे रसिया के बड़े रसीले नैना.....
नैनो से ये सबको नचावत,
मंद मंद होठो से मुस्कावत,
अपनी अदा से सबको रिझावत,
मुख कुछ बोले ना,
रस भरे.........
पीला पीताम्बर तन पे सुहाये,
देख देख ऋतू राज लजाये,
झलक ना इनकी झेल सके कोई,
जो दिन लगे रेन ,
रस भरे..........
मोर मुकुट माथे पर साजे,
देख देख मन मोरा नाचे,
चल की लत लटके लटकन पे,
राधा के मन की मैन
रस भरे.........
रास बिहारी रास के सागर,
मेरे मन की खाली गागर,
भर के जीवन में रस भर दो,
छेल छबीला कान्हा,
रस भरे.........