इतनी सी विनती मेरी शिर्डी वाले,
तू भी संभाले के मेरा कोई नहीं है
अँधेरी जिंदगी में साईं कर दे उजाले,
चरणो से लागले के मेरा कोई नहीं है
साईं इस जमाने ने खूब रुलाया
जिसका जितना दिल किया, उतना ही सताया
चाँद जैसा रूप जग का, दिल है काला
इतनी सी विनती मेरी शिर्डी वाले...
दिल में उमीदें हैं, अखिओं में है पानी
कह रहे हैं तुमसे हम दिल की कहानी
मैं अभागा मुझ को साईं दर पे बुला ले
इतनी सी विनती मेरी शिर्डी वाले...
रखी साईं तूने हर भक्त की ही लाज है
जग से क्या है लेना, जब तू ही नाराज है
बक्श साईं ज्योति से जयित मिला ले
इतनी सी विनती मेरी शिर्डी वाले...