शिरडी से तू आजा, मेरे साई भाग्य विधाता,
बिगड़ी हुयी है जिसकी किस्मत, उसको तू ही बनाता,
आजा जल्दी आजा, मेरी किस्मत को बना जा......
मेरे हाथ की रेखा खाली, तू करदे किस्मत वाली,
तू करदे एक इशारा, चमके किस्मत का तारा,
बंद तालो को साई तू ही खोल दिखाता,
बिगड़ी हुयी है जिसकी किस्मत, उसको तू ही बनाता,
आजा जल्दी आजा, मेरी किस्मत को बना जा......
मेरे साई है दिलवाले, ये ही है मुझको संभाले,
मेरे सांसों में बसते है, मुझे दूर नहीं रखते है,
जन्नत के नज़ारे साई हर कोई तुझसे पाता,
बिगड़ी हुयी है जिसकी किस्मत, उसको तू ही बनाता,
आजा जल्दी आजा, मेरी किस्मत को बना जा......