रुणिचा रा पीर रामसा घोडलियो घुमावे,
घोडलियो घुमावे बाबो, भक्ता रो हैलो सुणे ॥
भादुडे की बीज राम के मेलो प्यारो लागे,
मेला माही आवे झात्री, बाबा का दर्शन पावे ॥
कलयुग राम अवतारी, बाबा रुणीजा विराजे,
फूली मिश्री चढ़े चूरमा, ढोल नगाड़ा बाजे ॥
रामा सागर भरयो भारी, नर और नारी नहावे,
कोढिया रो कोढ मिटावे, काया कंचन होवे ॥
तार तंदूरा पीर राम के दिन और राता बाजे,
मुकेश जाटव भजन बनावे, चरणा शीश नवावे ॥