सोना सतगुरु मेरा, भव पार लगा देवे
जींद ऐहदे ना मैं लावां, जेहड़ा रब नू मिला देवे.....
सोहना मुर्शद मेरा, जीदी कार सवारी आई,
दाता तेरे इश्के विच, घर वार वी छड आई...
सोहना ऐ पीर मेरा, दाता डुबदे तारे ने,
साडे जए दुखिये ता, सतगुरां दे सहारे ने.....
सुन मेरेया साइयां, गल दिल दी ना बुझ होवे,
दर तेरा छडना नहीं, मेरे दाता भावे कुछ होवे....
सुन मेरेया साइयाँ, गल इश्क दी गानी ए,
नाल साडा पीर लगदा, नाल दिल वाला जानी ए.....
सोना मुर्शिद मेरा, जिना गल नाल लाया ए,
मैं ता रोम -2 उत्ते, नाम गुरां दा लिखाया ए.....
ऊँचा ऐ पीर मेरा, ऐवे किसे कोलों क्यूँ डरिए,
हर साह विच इसदा दिलों शुकराना करिए.....
सुन मेरेया साइयाँ, मेरे दिल दा ए कहना ए,
जदों तक जिंदगी ए, प्यार गुरु नाल रहना ए.....
सोना मेरा सतगुरु ए, कखा वांगू मैं रुल जावां,
रब मैनू बख्शे ना, जे दाता तैनू भूल जावां......
जीवे सतगुरु मेरा, कोई वगदी मेहर होवे,
ओ दिला विच रैन वालेया, तेरी दम-2 खैर होवे.....