कान्हा मेरे, कान्हा मेरे, कान्हा -2
मैं निहारूं तुझे जो संवारूँ तुझे।
मेरी आँखें ये कान्हा से हटती नहीं -2
तेरी बंसी की धुन पे नाचूं हो के मगन ,
मेरी भक्ति ये दुनियां समझती नहीं -2
हाँ मैं पागल दीवानी चाहूँ दर्शन तेरा ,
बावरी हूँ मैं कान्हा ,तुम समर्पण मेरा।
मेरे कान्हा मैं निहारूं तुझे -2
कान्हा -कान्हा -कान्हा।...
चले जो हवाएं बोले ,कान्हा कान्हा ,
बारिश की बूँदें बोले ,कान्हा कान्हा ,
राधा जू पुकारे बोले ,कान्हा कान्हा,
कण कण में वास तेरा ,कान्हा कान्हा ,
चाह तेरी ,राह मेरी ,कान्हा कान्हा -2
मेरे कान्हा मैं निहारूं तुझे -2
भूला हुआ था ,भटका हुआ था ,कान्हा तुमने संभाला ,
सबने नकारा तुमने सँवारा ,तू ही है इक सहारा।-2
मेरी शुरुवात ,मेरे कान्हा कान्हा ,
मेरी पहचान मेरे कान्हा कान्हा ,
मेरी मुस्कान ,मेरे कान्हा कान्हा ,
बंसी की तान बोले ,कान्हा कान्हा ,
दासी पुकारे ,आओ अब तो कान्हा,
हम सब पुकारें ,आओ कान्हा कान्हा।
मेरे कान्हा मैं निहारूं तुझे -2
कान्हा -कान्हा -कान्हा -कान्हा... ।