कान्हा तेरे आगे खड़ा हूँ हाथ जोड़ ,
विनती मेरी सुन लो ओ मेरे नन्द किशोर,
हारे हुए को कान्हा तुम हो जीताते,
भटके हुए को राह दिखाते,
हारे हुए को कान्हा तुम हो जीताते,
भटके हुए को राह दिखाते,
मैं भी हार गया हूँ देखो ना मेरी ओर ,
विनती मेरी सुन लो ओ मेरे नन्द किशोर,
महिमा सुनी हैं सब से दर की ये तेरी,
कब होगी पूरी कान्हा इच्छा ये मेरी,
महिमा सुनी हैं सब से दर की ये तेरी,
कब होगी पूरी कान्हा इच्छा ये मेरी,
जब तक मेरी सुनो ना जाऊ ना कही ओर,
विनती मेरी सुन लो ओ मेरे नन्द किशोर,
क्या मैं बताऊ तुमको सब तो पता हैं,
हाल ये मेरा क्या तुमसे छुपा हैं,
क्या मैं बताऊ तुमको सब तो पता हैं,
हाल ये मेरा क्या तुमसे छुपा हैं,
कर दो इच्छा पूरी तरसाओ ना अब ओर ,
विनती मेरी सुन लो,ओ मेरे नन्द किशोर ,
Bhajan Lyrics - Jay Prakash Verma, Indore