जिसके हृदय में हरी सुमिरण होगा,
उसका सफल क्यों ना जीवन होगा,
भक्त को भगवान का चिंतन होगा,
उसका सफल क्यों ना जीवन होगा....
सच्ची धारणा से परलाध ने जो ध्याया था,
खम्बे से हरी जी का दर्शन पाया था,
कहते है जिसको दर्शन होगा,
उसका सफल क्यों ना जीवन होगा,
जिसके ह्रदय में......
भक्तो को तारने तारणहार आए थे,
जंगल में झूठे बेर शबरी के खाए थे,
जिसका सहारा रघु नन्दन होगा,
जिसके ह्रदय में हरी सुमिरण होगा,
उसका सफल .....
द्रोपदी ने बांधा केवल चार कच्चे धागो से,
चिरहरण के दिन चिर पाई माधव से,
जिसका सहारा मनमोहन होगा,
जिसके ह्रदय में हरी सुमिरण होगा,
उसका सफल..........