जब सिर पर तेरा हाथ राम मैं क्यों डोलू,
जब मिल गया तेरा साथ राम मैं क्यों डोलू,
ये नैया राम हवाले है,
पग पग पर आप संभालें है,
मेरी टेक एक रघुनाथ नाथ, मैं क्यों डोलू,
जब सिर पर ....
तू रहबर है तो किस का डर है,
पग पग पर स्वामी ईश्वर है,
मेरी बिगड़ी बना दो बात, नाथ मैं क्यों डोलू...
पंहुचा दे कभी किसी तट पर,
जीवन घट पर या मरघट पर,
सब ओर तेरा है साथ, नाथ मैं क्यों डोलू...
जग रूठा हो तो रुठन दे,
पर अपनी तार ना टूटन दे,
निर्दोष तुम ही पितु-मात, नाथ मैं क्यों डोलू...