सावन का महीना, है खुशियां चारों और

सावन का महीना, है खुशियां चारों और
झूला झूले बाबा, प्रेमी जन खींचे डोर

प्रेमियों की टोली आई, शाम को झुलाने
नाच के रिझाने, इनको भजन सुनाने
झूम झूम के गाओ, मनाओ नंदकिशोर

छाई है बहार , आई रुत मस्तानी
सज धज के बैठा, देखो शीश का दानी
चली रे देखो पुरवाईया , बदरा बरसे चहुं और

प्रेम की गली में प्यारे, इनका ठिकाना
इतना समझ ले, मन का मीत है कान्हा
जुगल तेरी नैया का, खेवईया माखन चोर।

download bhajan lyrics (143 downloads)