पेंडे घण्टी डाल के,सथियो दिन्यो मांड
रोली चावल चिरच के,दियो दियो जलाय
पितरजी म्हारे आंगनिये मे आओ म्हारा राज
दुंद.दुदालो पूज कर,थारो ध्यान लगाय
थै हो कुल का देवता,थारो सम्मान करा
पितरजी म्हारे आँगनिये.......
आज बडो ही चाव चढ़्यो, म्हारे मन के माय
खाटू वालो आयसी, इ प्रांगण के माय
पितरजी म्हारे आँगनिये...