जब से तेरे द्वार पे आया ,एक सुकून मिला
दिल ये जिसे ढूंढता आया, वो वजूद मिला
छाए जब बादल ग़म के ,तुझे याद किया
साँवरिया...
हारे जब ,सारे जग से तूने साथ दिया
बाबा मैं हु दास तेरा दर्शन का हु अभिलाषी
बाबा अब बुझा दोना,नैनों की ये प्यास हमारी
जो भी तेरे खाटू गया, बिन माँगे बाबा सब कुछ है पाया
पाई ख़ुशी दर से तेरे,उनको मिला है तेरा सहारा
क्या कुछ ना मिला, ये जानु मैं जग जाने ना
बाबा मैं पुकार रहा,दर्शन दे दो गिरधारी
बाबा अब बुझा दोना नैनों की ये प्यास हमारी
कोई नही था जब मेरा, तुमने ही हाँथो को थामा
हाथ फिरा सर पे मेरे ,तुमने मुझे फिर दर्शन दिखाया
फिर हुआ ये कमाल,ये जानु मैं जग जाने ना
बाबा क्या है तेरी कृपा दुनिया न जाने ये सारी
बाबा अब बुझा दोना नैनों की ये प्यास हमारी
करता विनय दास तेरा सुनलेना प्रभु इक अर्जी हमारी
खाटू में ही रहना मुझे,करता रहूँ सदा सेवा तुम्हारी
भक्ति का दो वरदान, सेवा करूँ जब तक है प्राण
बाबा मैं पुकार रहा दर्शन दे दो गिरधारी
बाबा अब संभालो जरा,मैं तो हु शरण तुम्हारी
बाबा मैं हूं दास तेरा दर्शन का हु अभिलाषी
बाबा अब बुझा दोना नैनों की ये प्यास हमारी