लायक बना दे मुझको,
मैं तेरे काम आऊँ,
सेवा में तेरी अपनी,
जीवन ये मैं बिताऊँ,
लायक बना दे मुझकों,
मैं तेरे काम आऊँ.....
नित रोज उठके तुझको,
हाथों से मैं सजाऊँ,
हर अंग तेरा महके,
इत्रों से नहलाऊं,
पहना के तुझको बागा,
बनड़ा तुझे बनाऊँ,
सेवा में तेरी अपनी,
जीवन ये मैं बिताऊँ,
लायक बना दे मुझकों,
मैं तेरे काम आऊँ......
गाकर भजन ये मीठे,
तुझे श्याम मैं रिझाऊं,
दिल में है भाव जो भी,
सब आज मैं सुनाऊं,
तुझे अपना मानकर ही,
मैं तुझमे रम जाऊं,
सेवा में तेरी अपनी,
जीवन ये मैं बिताऊँ,
लायक बना दे मुझकों,
मैं तेरे काम आऊँ…..
कहती है दुनिया तुझको,
हारे का तू सहारा,
मैने भी आज़माया,
तुमसा ना कोई प्यारा,
जब आखरी हो साँसे,
खाटू में मैं समाऊँ,
सेवा में तेरी अपनी,
जीवन ये मैं बिताऊँ,
लायक बना दे मुझकों,
मैं तेरे काम आऊँ......
इतनी कृपा तू रखना,
खाटू ना तेरा छुटे,
अपने ‘कुणाल’ से तू,
बाबा कभी न रूठे,
हरदम कृपा का तेरी,
गुणगान यूँ ही गाऊँ,
सेवा में तेरी अपनी,
जीवन ये मैं बिताऊँ,
लायक बना दे मुझकों,
मैं तेरे काम आऊँ…..