काहे करता तू खुद पे गुमान बावरे

काहे करता तू खुद पे गुमान बावरे
एक दिन छड़ जाना है जहाँन बावरे...2
कुछ कर ले जतन हरि नाम जप ले
तेरे बाद भी रहेगा तेरा नाम बावरे
                     
काहे करता जवानी पे गरूर है ह गरूर है..2
काहे दौलत के नशे में मगरूर है मगरूर है..2
तू महलों पे ना इतना गुमान कर ओ......2
तेरा एक ही ठिकाना श्मशान बावरे
काहे करता.....
                       
अपनी जिंदगी न एसे तू खराब कर हाँ खराब कर..2
अपने कर्मों का थोड़ा तो हिसाब कर हाँ हिसाब कर..2
कैसे मुहू दिखलाएगा तू राम को ओ.......2
नहीं छिपते है पापों के निशान बावरे
काहे करता.....
                         
झूठी दुनिया के झूठे रिश्तेदार है हाँ रिस्तेदार है...2
इन रिश्तों में शामिल व्यापार है हाँ व्यापार है...2
एक रिश्ता बना ले मेरे श्याम से ओ.....2
आए रिश्ता यही तेरे काम बावरे
काहे करता.....

कुछ कर ले तू तौबा अब गुनाहों पे हाँ गुनाहों पे ...2
आ जा मिलके चलें नेक राहों पर हाँ नेक राहों पे...2
इन राहों प मिलेगा एक दिन साबरा ओ.......2
तेरी हो जाएगी जान पहचान  बावरे
काहे करता.....

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