खाटू दर जाना

मैं श्याम मनाना

जी करदा में घुंघरू पावां।
नाच नाच के में श्याम मनावां।।
जे मन जावे ईक बारी ।उसतो कदे ना दूर मैं जावां।।
नी मैं श्याम मनाना ऐं
भावें लोग बोलिया बोले ।2।
खाटू दर जाना है पावें लोक बोलियां बोले ।2।

श्याम बहादुर आलू सिंह को तूने दर्श दिखाएं ।
मेरी बड़ी खाटू वाले तू कितने छुप जाए ।
तेरा दर्शन पाना ऐ पावें लोग बोलियां बोले-----

जितनी चाहे उतनी परीक्षा तू मेरी अब ले ले ।2।
बदले में मुझको अपने चरणों में जगह तू दे दे।2।
दर तेरे बस जाना है पावें लोग बोलियां बोलें------

करके दया दयालु बाबा खाटू मुझे बुला ले।2।
इंदु जैसी पापी दासी को भी गले लगा ले ।2।
गुन तेरा गाना ऐ पावें लोग बोलियां बोलें------
नी मैं श्याम मनाना ऐं
भावें लोग बोलिया बोले ।2।
खाटू दर जाना है पावें लोक बोलियां बोले ।2।