जीवन की है एक तमना सांवरिया सरकार,
हाथ जोड़ कर करू बिनती तुझसे बारम बार,
कभी तेरा दवार न छुटे तू मुझसे कभी न रूठे,
भूल से भी बाबा मुझसे न भुलाना,
हाथ दया का बाबा कभी न हटाना,
पिछले जनम में पुणे किये थे मिला तेरा दरबार,
कभी तेरा दवार न छुटे......
तुझे पके मैंने सारा जहां पा लिया है,
औकात से भी ज्यादा तूने दिया है,
भूले से भी भूल ना पाऊ श्याम तेरे उपकार,
कभी तेरा दवार न छुटे......
तेरी किरपा से ये फूल खिला है,
आई बहारे जबसे मुझे तू मिला है,
तेरे सिवा इस श्याम को बाबा किसी की न दिकार,
कभी तेरा दवार न छुटे