जिनको जिनको मिला सहारा उनको ये बतलाना है,
हारा हुआ जो भी मिल जाये उसका साथ निभाना है,
इस कलयुग में कई सुधामा मारे मारे घूम रहे,
दवारिका गोकुल मथुरा में संवारे को दूंध रहे,
उनसे करके यारी प्यारे उनका घर बनवाना है,
हारा हुआ जो भी मिल..........
कई द्रोपती कई जगह पर संवारिये को पुकार रही,
कई नरसी और कई नानिया बेबस और लचार खड़ी,
उनका भाई बनके प्यारे उनकी लाज बचाना है,
हारा हुआ जो भी मिल.........
जो भी ऐसा काम करे गा प्रेमी कहलाये गा,
अंत समय में खुद सांवरिया उनको लेने आये गा,
श्याम कह रहा इसी बहाने थोडा कर्ज चुकाना है,
हारा हुआ जो भी मिल.......