काम कोई भी बन न पाया गुमआया संसार में,
आखिर मेरा काम बना साईं के दरबार में,
ये सच्चा दरबार है ये सची सरकार है,
शीश झुका के देख जरा फिर तेरा बेडा पार है,
तेरे संकट दूर करेगा साईं पहली बार में,
आखिर मेरा काम बना ...........
जब जब मैंने ठान लिया साईं ने सब काम किया,
जब जब नैया ढोली है साईं ने आके पार किया,
तेरे संकट दूर करे गा साईं पहली वार में,
आखिर मेरा काम बना ....
जिसकी बाह पकडले तू काम तेरा हो जाये गा,
मेरे साईं की किरपा से बेठा मौज उडाये गा,
बनवारी तू गुम रहा है साईं के दरबार में,
आखिर मेरा काम बना ..........