झूठी माया काया पर

झूठी माया काया पर क्यों इतना करे गुमान,
माटी तेरा मूल है बन्दे कर्म तेरी पहचान,

उची पगड़ी बांध के मूरख दिखलाये क्यों शान,
जिस को चाहे बाबा साई उसको मिले सम्मान,

राजा हो जा रंक हो कोई निर्धन या धनवान,
साई के दरबार में सारे बन्दे एक समान,

दिल को न तोड़ो पाप लगेगा दिल में वसे भगवान,
युग युग से यही पाठ पढाये गीता और कुरान,

झूठी माया काया पर क्यों इतना करे गुमान,
माटी तेरा मूल है बन्दे कर्म तेरी पहचान,

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