तरज- खाटु बूलाऐ खाटु का श्याम
हारे का सहारा मेरा खाटू श्याम बाबा
ले के निशान , चले बाबा के धाम |
खाटू बूलाऐ , खाटू का श्याम ||
ले के निशान , चले खाटू के धाम |
खाटू बूलाऐ , खाटू का श्याम ||
तीन बान धारी, नीले की सवारी|
बोले ना कुछ वी, सुनता है सारी||
सब से ऊचा खाटू का नाम. ......
खाटू बूलाऐ , खाटू का श्याम |
शीश का दानी, जिस की कहानी |
देता हैं लाभ, बाबा देता ना हानी ||
भगतो पे भीड़ कभी देता नहीं आण......
खाटू बूलाऐ , खाटू का श्याम ||
अरे लाख दतार, बाबा का प्यार |
मिलता है जिसको, नईआ हैं पार ||
श्याम धनी सबके करता है काम.......
खाटू बूलाऐ , खाटू का श्याम ||
भगत जसपाल, गांऊ जनाल |
बाबा की उस पे, है कृपा कमाल ||
कीर्तन कराऐ वो बाबा के नाम ......
खाटू बूलाऐ , खाटू का श्याम ||
लेखक जसपाल जनाल