भाई भाई को काटे भो रहा है

देख तेरे संसार में क्या क्या हो रहा है,
भाई भाई को काटे भो रहा है,

रिश्तो की कीमत यहाँ पल पल घट जाती है,
गली गली में बहु बेटियों की इज्जत लुट जाती है,
रिश्तो की पहचान इन्सान खो रहा,
भाई भाई को काटे भो रहा है,

मंदिर मस्जिद गुरुदवारो ने तुमको बाँट दिया है,
प्रेम की सची डोरी को मजहब ने काट दिया है,
कपडे रंग कर पापी चैन सो रहा है,
भाई भाई को काटे भो रहा है,

धरती पर पाप बड़ा अवतार लेके आ जाओ,
गीता गंगा गौ गोरी की प्रभु तुम लाज बचा जाओ,
कहे दीप राकेश तेरा रो रहा है,
भाई भाई को काटे भो रहा है,
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