शिव शंकर भोले भाले, भोले भक्तो के रखवाले,
तुमको लाखो प्रणाम, तुमको मेरा प्रणाम
तुमने ये संसार बनाया, सभी तुम्हारी माया छाया।
सर्पो की माला वाले, कैलाश पर्वत वाले,
तुमको लाखो प्रणाम...
तुम जल-थल में, तुम अम्बर में,
तुम हो नगर-नगर घर-घर मे ।
तुम हो लहर-लहर स्वर-स्वर में,
कहाँ नहीं तूम हो जग भर में ।
डमरू बजाने वाले, दुष्टों को मिटाने वाले,
तुमको लाखो प्रणाम.....
हर हर हर महादेव का नारा,
नर-नारी घर-घर का प्यारा ।
दीप तुम्हारा तेल तुम्हारा
दुनिया का हर खेल तुमहरा ।
यह खेल खिलने वाले तृभुब्वन को नचाने वाले,
तुमको लाखो प्रणाम.......