महारे कानि निजरा घुमाये लेवो जी,
मोर की छड़ी ने पिहराये देवो जी,
थारे ही भरोसे बाबा सारो संसार है,
माहने ओ बाबा बस थारी दरकार है,
माहने भी तो कालजे लगाए लेवो जी,
मोर की छड़ी ने .....
सुन के मैं याहि आई हारोडा का साथी हो,
दुभति हुई नाइयाँ का बस ताहि माझी हो,
मैं भी धुबन लागि मने तार देवो जी,
मोर की छड़ी ने .....
निजरा घुमावे गो ता काहे घट जावे गो,
श्याम कहे ईसूमि को काम पट जावे गो,
छोटो सो है काम क्यों बुराई लेवो जी,
मोर की छड़ी ने .....